प्राचीन भारत में ऋषि-मुनि वन में कुटी या आश्रम बनाकर रहते थे। जहां वे ध्यान और तपस्या करते थे। उक्त जगह पर समाज के लोग अपने बालकों को वेदाध्यन के अलावा अन्य विद्याएं सीखने के लिए भेजते थे। ब्रह्मचर्य आश्रम को ही मठ या गुरुकुल कहा जाता है। आओ जानते ...
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